भीगी पलकें ( Bheegi Palkein )

भीगी पलकें ( Bheegi Palkein )

Paperback (29 Sep 2021) | Hindi

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Publisher's Synopsis

काव्य उन्मुक्त होता है, यह स्वच्छंद होकर विचरण करता है और जब हम इसे पढते है, तो हृदय पर एक अमिट छाप छोर जाता है। हमारे उद्विग्न हृदय को शीतलता का एहसास होता है। हमें आभास होता है कि जीवन को हम जितना कड़वा समझते है,उतना होता नहीं है। जब हम असह वेदना को अनुभव करते है, तब कविताएँ पढने से हृदय को शांति की अनुभूति होती है। जब हम समझते है कि जीवन की समस्याएँ खतम होने का नाम नहीं ले रही, तब कविता के माध्यम से नया विश्वास करवट लेता है। हमें फिर से नई चेतना का अनुभव करवाता है, नई ऊर्जाओं का संचार करता है। जीवन के प्रति हमारी रोचकता को बढाता है। कविता एक ऐसी प्रवाह है, जिससे हम अपने आप को अच्छुन्न नहीं रख पाते। कविताएँ लिखने का उद्देश्य भी यही होता है कि यह जन मानस के हृदय में उतर जाए, उसे नैसर्गिक आनंद की अनुभूति करवाए।

Book information

ISBN: 9789354586101
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Pencil
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 174
Weight: 195g
Height: 203mm
Width: 127mm
Spine width: 10mm