सार में सिहरन

सार में सिहरन

Paperback (26 Apr 2024) | Hindi

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Publisher's Synopsis

जीवन में सिहरन और समस्याओं का होना एक प्रथा है। यह वह प्रथा है जिसे ख़ुद जीवों को बनाने वाले ने जीवन में अनिवार्य करके भेजा है। सिहरन और समस्याओं के बीच बहुत ही गहरा रिश्ता है। दोनों की उत्पत्ति वहाँ से हुई जहां से ख़ुद जीवों की उत्पत्ति हुई। इस दुनियाँ में अपना जीवन निर्वाह कर रहे सभी जीवों को, सिहरन और समस्याएँ, धरोहर के रूप में मिलें हैं। ना चाहते हुए भी हर जीव को इसका बोझा ढोना पड़ता है।इस कलियुग में, किसी का दिल जीतना तो कठिन है ही, उससे भी ज्यादा कठिन है, किसी पर भरोसा करना। पहले तो कोई किसी पर भरोसा करना नहीं चाहता है, लेकिन अगर कोई हिम्मत करके किसी पर भरोसा करता भी है तो कुछ लोग उस भरोसे को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भरोसा एक ऐसा एहसास है, जिसके बीज हर प्राणी के अन्दर, उसके दुनिया में आने से पहले ही पलने लगते हैं। इसके लिए हमें ज्यादा दूर तक सोचने की जरूरत नहीं है, हम खुद को अपने माता-पिता से जोड़कर देख सकते हैं।"समस्याओं को झेलने से ज्यादा हल करना आसान होता है।"

Book information

ISBN: 9798211706118
Publisher: Blurb, Inc.
Imprint: Blurb
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 134
Weight: 141g
Height: 203mm
Width: 127mm
Spine width: 7mm