Publisher's Synopsis
""जब हम ओशो के साहित्य को देखते हैं तो चमत्कृत रह जाते हैं, क्योंकि उसमें चैतन्य है इसीलिए हमें चमत्कार लगता है हमें लगता है कि हममें भी अभी प्राण हैं। उस चेतना की प्रखर लहर पर बहाते हुए वे हमें ले जाते हैं, यही उनका जादू है।""-डॉ. बलदेव वंशी