Asha

Asha

Paperback (19 Feb 2022) | Hindi

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Publisher's Synopsis

जब हर तरफ दहशत हो, मायूसी हो, लाचारी हो, तो नाउम्मीदी के अँधेरे चारों ओर उग ही आते हैं। तब जरूरत होती है नई आशा की, जो इन अँधेरों को दूर करके मनोबल बढ़ाए और हालात से जूझने का जज्बा दिलाए।

'आशा' संग्रह की कविताएँ इसी रोशनी और संबल के प्रसार के लिए हैं। अंग्रेजी के 46 कवियों की 51 कविताओं के अनुवाद का यह कविता संग्रह कोरोना-काल ही नहीं, तमाम विषम परिस्थितियों में एक सच्चे दोस्त और शुभचिंतक की तरह हौसला बनाए रखने की ताकत देनेवाला है।

माया एंजेलो की कालजयी कविता 'फिर भी उठूँगी मैं', रुडयार्ड किपलिंग की 'अगर', कैटी ए. ब्राउन की 'खुद से हार कभी मत मानो', जॉयस अलकांतारा की 'देखोगे नहीं मुझे कभी हारते', हेनरी वर्ड्सवर्थ लॉन्गफेलो की 'जीवन-मंत्र', लैंग्स्टन ह्यूजेस की 'अब भी जंग में डटा हुआ हूँ', थॉमस हार्डी की 'आशा का गीत', मैक्स एरमन की बहुचर्चित कविता 'मनोकामनाएँ' (डेसिडराटा) और बर्टन ब्रैली की 'चाह जीत की' जैसी ओजस्वी कविताएँ किसी के भी मन से निराशा दूर करके आशा जगाने और किसी भी निरुत्साही को उत्साह और उमंग से भरकर जीवन को सुंदर बनाने में सक्षम हैं।

ये आशा जाग्रत् करने के लिए सहज, सरल, शाश्वत, सार्वभौमिक और सर्वकालीन कविताएँ हैं।

Book information

ISBN: 9789393111401
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 106
Weight: 145g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 6mm