Publisher's Synopsis
समय-समय पर भारत में अनेक ऐसे मनीषियों ने जन्म लिया जिन्होंने अपनी आस्था, निष्ठा और विद्वता से सारे संसार को चमत्कृत किया। स्वामी विवेकानंद वर्तमान युग में इस परम्परा के प्रतिनिधि थे। वे ब्रह्मचर्य, दया, करुणा, मानव प्रेम आदि उदार मानवीय गुणों के मूर्त रूप थे। उनकी तर्क शक्ति अद्वितीय थी। शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में उनके व्यक्तित्व से विश्व मुग्ध हो उठा। उसके बाद पश्चिमी जगत में उन्होंने अनेक स्थानों पर व्याख्यान दिए। इससे भारतीय वेदांत का वास्तविक स्वरूप विश्व के समक्ष आया और अनेक अमरीकी तथा यूरोपियन उनके शिष्य बन गए।