Suno, Agnisambhav Kavitayen (सुनो, अग्निसंभव कविताएं)

Suno, Agnisambhav Kavitayen (सुनो, अग्निसंभव कविताएं)

Paperback (13 Dec 2023) | Hindi

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Publisher's Synopsis

यशस्वी कवि, कथाकार रामदरश मिश्रजी ने हिमांशुजी की कविताओं के संबंध में लिखा है, "इन कविताओं को पढ़ने पर यह अहसास बराबर बना रहता है कि हिमांशुजी में काव्यात्मक संवेदना है। उनकी कविताओं में समकालीन कविता का-सा समकालीन जीवन - यथार्थ है। इनमें व्यवस्था की तमाम विसंगतियों, अमानवीय हरकतों और शोषक वृत्ति की पहचान है, साथ ही व्यवस्था से उपजी हुई आम आदमी की यातना, बेबसी और आग का अहसास है । 'सुनो, अग्निसम्भव', 'आग की फसल', 'सूखी नदी में', 'तुम्हारा ही इतिहास', 'गाँव चार चित्र' आदि अनेक कविताएँ इसी मिजाज की हैं।

Book information

ISBN: 9789359641485
Publisher: Repro India Limited
Imprint: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Pub date:
Language: Hindi
Number of pages: 210
Weight: 272g
Height: 216mm
Width: 140mm
Spine width: 12mm